एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा,
जैसे ट्रैफिक का टूटा रूल,
जैसे पिक्चर हो पैसा वसूल.
जैसे मैक्डोनाल का पिज्जा,
जैसे गजनी का गज्ज़ा,
जैसे फेसबुक का प्रोफाइल,
जैसे मोटोरोला का मोबाइल.
हो! जैसे कॉलेज में सहेली,
जैसे दिवाली में हो होली...
जैसे सू सू करता नवजात,
जैसे घर से भगाता बाप..
एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा...
जैसे बाइक में ख़त्म हो पेट्रोल,
जैसे सचिन हो जीरो पे बोल्ड..
जैसे मुंबई का ब्लास्ट,
जैसे बोर होता क्लास..
जैसे एकोन लिपस्टिक लगाये,
जैसे जोर्ज बुश गाना गाये...
हो जैसे बंद हुआ हो लिफ्ट..
जैसे सस्ता मिला हो गिफ्ट.
एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा...
जैसे ख़ाली ATM से पैसा निकालू
जैसे गर्ल फ्रेंड के संग सोता भालू.. (Taddy Bear )हो जैसे न चलता हो फटा नोट ..
जैसे पानी में रह जाये नया कोट..
एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा..
दूसरी को देखा तो उससे से भी अजीब लगा...
देवेश झा